स्रष्टा परिचय
नाम:- जनार्दन अधिकारी , धड्कन
साहित्यिक उपनाम:- धड्कन
जन्मस्थान:- गेझा ८ पाल्पा(हाल रामपुर नगरपालिका)
हालकाे ठेगाना:- चन्द्रागिरि १५,नैकाप काठमाडाै
अध्यायन,-
जनकल्याण नि,मा,वि गेझा पाल्पा,
मा,वि श्री भानुभक्त गेझा बर्दले पाल्पा
अाइ,ए त्रिभुवन विश्व विध्यालय तानसेन पाल्पा,
बि,ए त्रिचन्द्र कलेज घण्टाघर काठमाडाै,
एम,ए त्रिविवि किर्तिपुर
अर्थशास्त्र,नेपाली
प्रवर्तक:- खाेरिया साहित्य(कविताकाे उपविधा)
संलग्नता:- अाेथाराे डवली नेपाल,अाजिवन सदस्य,
ज्याेति साहित्य प्रतिष्ठान
मनमति साहित्य समाज
अध्यक्ष:- खाेरिया साहित्य सिर्जना,नेपाल
अध्यक्ष:- चन्द्रागिरि साहित्य प्रतिष्ठान,
अध्यक्ष:- विश्व नेपाली साहित्य प्रतिष्ठान
उपाध्यक्ष:- मनमति साहित्य समाज
संस्थापक अध्यक्ष,संरक्षक:- उत्तर गंगा साहित्य समाज,पाल्पा
संस्थापक :बुढ्याैली साहित्य सिर्जना नेपाल
अध्यक्ष:- मूना ट्रष्ट
अध्यक्ष,संस्थापक:- झम्बा खाेला यूवा चारपाते कलब२०३८
उप जिम्मेवार निर्देशक- यूराशिया रेयूकाई
सेवा:- द रेयूकाइ नेपालबाट प्रारम्भ(२०४६ -२०७४)यूराशिया रेयूकाइ २८ बर्ष ।
बाेर्ड अफ डाइरेक्टर,सन् २०१८-
केन्द्रिय अध्यक्ष-:सन् २०१९-२०२०
तालिम निर्देशक-उद्घाेषण,नेतृत्व विकास,भाषण कला,पत्रकारिता ।
सम्मान:-
१)साहित्य प्रतिभा सम्मान सन् २०१८(२०७५) वीरभाषा हिन्दी साहित्यपीठ,मुरादावाद,भारत ।
२)लायन्स कलव अफ रेन्बाे सिटी (२०७२)
३)पारिजात सहकारी साहित्य सम्मान
४)लिलाध्वज साहित्य प्रतिष्ठन प्रशंसा सम्मान
५)समाज सेवा स्वर्ण पदक सम्मान- ५० पटक भन्दा बढी
६)पद्म दीपा पुरस्कार एबं सम्मान २०७८
७)रक्तदान गरे वापत) ब्लड डाेनर्स क्लव,रक्त संचार केन्द्र(हाल ८० पटक रक्तदान)
अन्य डेड दर्जन सामािजक सस्थाबाट समाजसेवा सम्मान
प्रकाशित कृति-
विछाेडकाे पीडा गीत संग्रह(२०४८)
उदघाेषण शिक्षा २०४८,उद्घाेषणकला भग २,२०४९,भाग ३, २०५०,
गीत अल्वम चाैतारी(२०५०)मेराे शव्द र स्वर
सालिकराम बैध्यकाे स्वरमा मेराे शव्द लागुपदार्थ गीत अल्वम२०५१,
उद्घाेषण कला र नेतृत्व विकाश(२०७०)
कविता संग्रह देश मान्छे खाेजिरहेछ(२०७१)
गजल नजिक हुँदा न्यानाे माया,२०७३,
मुक्तक चाैतारी संयूक्त मुक्तक संग्रह २०७५
प्रकाशाेन्मुख :-खाेरिया संग्रह (झण्डामा म देश बाेक्छु),
गजल संग्रह (अागाे भन्दा माया ताताे )
मुक्तक संग्रह:-माैनता भित्रकाे रहर
नामाकरण बाँकी संग्रहकाे तयारी-:
कथा संग्रह,लघुकथा संग्रह,बहरमा गजल,छन्द कविता संग्रह,हाइकु संग्रह,वाल गीत,कविता र कथा संग्रह
गीत संग्रह धड्कनकाे अावाज
१)कविता लेखन प्रारम्भ २०३८
२)छापिएकाे प्रथम कविता २०४५ त्रिरत्न,त्रिचन्द्र कलेज
३)हातेमालाे कविता संग्रहमा ८
कविता,
४)रेयूकाइ बाट प्रकाशित स्मारिकाहरूमा फुटकर कविता
५)गाेरखापत्र,मधुपर्क,मूना,दायित्व,महामण्डल,शव्द संयाेजन,जनमत,वैजयन्ती,कपन बानेश्वर,संसक,कल्पतरु,अक्षरमार्ग,अन्य उपत्यका बाहिरबाट प्रकाशित पत्रिकाहरुमा दुई दर्जन बढी रचना प्रकाशन
पुरस्कार
१)सर्वाेकृष्ट प्रथम पुरस्कार- राष्ट्रिय कविता प्रतियाेगिता (२०४९)द रेयूकाइ नेपाल ।
२)प्रथम पुरस्कार खुल्ला कविता प्रतियाेगिता (२०५०)
३)तृतीय(सान्ताेना )पुरस्कार २०५२ शान्ति क्षेत्र नेपाल
४)प्रथम-जेष्ठ नागरिक विशेष कविता प्रतियाेगिता(२०७३) नाेबेल साकाेस साहित्य प्रतिष्ठान
५)उत्कृष्ठ ३० सम्मान तथा पुरस्कार-पृथ्वी कविता महाेत्सव (२०७७) नेपाली सेना,
अन्य-
१)सम्पादक-त्रिरत्न साहित्य प्रकाशन
२)सम्पादक- राजवली मासिक
३)अतिथि सम्पादक-एबं साहित्यिक स्तम्भकार दुनियाकाे खबर साप्ताहिक
४)हाइकु र खाेरिया स्तम्भकार दुनियाकाे खबर साप्ताहिक
५)साहित्यिक कलम-एबं विभिन्न पत्रिकामा फुटकर रचना छपाई-
कविता गध्य ४००,पध्य (छन्द) १८०,कथा १२७,लघुकथा २३०,गजल६००,गीत ७००,मुक्तक ५००,निवन्ध २०,नाटक २,खाेरिया २४८०, हाइकु ६०००(छ हजार) ताङ्का १०० अन्य १० नया उपविधाहरू ।
# खाेरिया पर्वतक(रकेटर)पत्रकार/गीतकार/गजलकार/निवन्धकार/कथाकार समग्रमा साहित्यकार/हाइजिन/ प्रशिक्षक उद्घाेषण एबं भाषण कला,नेतृत्व विकास
भ्रमण:-जापान,चीन,
थाइल्याण्ड,बंगलादेश,भारत
रचना
श्रृंगार रस
शार्दूलविकृडित छन्द – पागल तुल्य म
लाली अाेंठ लजालु भाव भरिलाे,झुक्दैछ अाँखा तरी
अाँखा गाजलले छ सुन्दर अहाे,नानी छ रिठ्ठा सरी
सेता दन्त हिमालका हिमसरी,खुल्दैछ अाेंठै भरी
देख्दै पागल तुल्य बन्छु म यहाँ,हेरेर स्वर्गै परी ।
कालाे केश ढपक्क ढाक्छ तनकाे, बर्काे पछ्याैरा बनी
हिंड्दा पाउ लसक्क चट्ट मसिनाे,त्याे कम्मरै लाै छनी
तान्नै खाेज्दछ बैश काख तनमै, त्याे प्रेम लालीभरी
देख्दै पागल तुल्य बन्छु म यहाँ,हेरेर स्वर्गै परी ।
छाती पुष्ट दुबैछ बिम्ब रसिलाे हेर्दा मिलेकाे कति
फर्की हेर्न म खाेज्छु खास कसिलाे चाहेर गर्नै खति
उर्ल्याे चाह बिचित्र चित्र मनमा बर्षाद खाेला तरी
देख्दै पागल तुल्य बन्छु म यहाँ,हेरेर स्वर्गै परी ।