एक्काईस शीतको सलाम
(१)
शुभ
शुभ
भाव
मुल
(२)
तिमी
पढ
अघि
बढ
(३)
शुध्द
बोल
मन
खोल
(४)
भाव
खुल्छ
मन
फुल्छ
(५)
लेखे
सभ्य
हुन्छ
भब्य
(६)
आयो
जुक्ति
मिल्यो
मुक्ति
(७)
ज्ञान
कुण्ड
सबै
झुण्ड
(८)
शिव
कुटी
जडि
बुटी
(९)
काव्य
रस
घोली
बस
(१०)
पास
फेल
भाग्य
खेल
(११)
दाजु
भाइ
काव्य
छाई
(१२)
जाल
झेल
हुन्न
मेल
(१३)
जाल
मेल
बन्द
खेल
(१४)
जाल
गरे
पाल्पा
जेल
(१५)
हात
खुट्टा
भरी
नेल
(१६)
आँशु
बग्छ
बनी
भेल
(१७)
सोच
हाम्रो
निति
राम्रो
(१८)
काव्य
दीप
शब्द
धुप
(१९)
रच्नु
मिली
सबै
खुब
(२०)
काव्य
रचे
हुन्छ
शुभ
(२१)
हाई
आइ
गरें
बाई।
-शिव कुमार रेग्मी
बगनासकाली-२,पोखराथोक,पाल्पा