शीत
गुरु
ईश
माता
पिता
जल
थल
नभ
गीता
तन
मन
पूरा
भक्ति
बिधा
बुद्धि
बल
शक्ति
ज्ञानी
गुणी
हर
पल
सदा
जित
सत्य
फल
हेर्न
सकुँ
दीन
दुःखी
माग्छु
वर
सबै
सुखी
प्रभु
गाथ
बिन्ति
माथ
पाऊँ
मैले
सदा
साथ
ब्रह्मा
बिष्णु
शिव
यम
गुरु
देव
नमो
नमः
सुसेली
गुरु चरण
प्रणाम कोटीकोटी
पर्छु शरण
गर्छु प्रार्थना
अन्जान छु म गुरु
क्षमा याचना
नमो शिवाय
अजय शक्तिशाली
गुरु देवाय
युग अपार
शंकर ब्रम्हा बिष्णु
गुरु संसार
गुरु नाममा
सफल तन मन
हर काममा
गरौं पौरख
आकाश जल थल
गुरु गौरव
सोचौं असल
गुरूकै आशिर्वाद
भयौं सफल
वाणी मधुर
देवाधिदेव गुरु
धन्य हजुर
सत्य दर्पण
सम्पूर्ण धर्म कर्म
गुरु अर्पण
-पुष्कर अथक रेग्मी
तानसेन, पाल्पा