त्रिशूलहरू:
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(१)
शिव
कुमार
रेग्मी
(२)
घर
पोखरा
थोक
(३)
ठाउँ
सुन्दर
गाउँ
(४)
शुरू
काव्यको
गुरु
(५)
मीत
त्रिशूल
शीत
(६)
मान
त्रिशूल
शान
(७)
नेत्र
त्रिशूल
क्षेत्र
(८)
मित्र
साहित्य
भित्र
(९)
जात्रा
त्रिशूल
यात्रा
(१०)
काव्य
बनाआैं
शभ्य
(११)
धन
चन्चले
मन
(१२)
साथी
सबैको
जाती
(१३)
जुन
लगाए
गुन
(१४)
आयो
त्रिशूल
पायो
(१५)
मोती
रेग्मीको
ज्योति
(१६)
कुरा
देखाई
छुरा
(१७)
काम
भएन
दाम
(१८)
नाम
भएमा
दाम
(१९)
मान
गरेर
जान
(२०)
धन
बचाए
बन
(२१)
जानौ
त्रिशूल
छानौ
(२२)
आयो
त्रिशूल
छायो
(२३)
चित्र
त्रिशूल
भित्र
(२४)
लिन्छ
त्रिशूल
दिन्छ
(२५)
दाई
प्यारोछ
भाई
(२६)
पर्दा
रचना
गर्दा
(२७)
भब्य
त्रिशूल
काव्य
(२८)
मान्छ
मिलेर
जान्छ
(२९)
आऊ
त्रिशूल
पाऊँ
(३०)
माया
त्रिशूल
छाया
(३१)
देख्छु
त्रिशूल
लेख्छु
(३२)
माझ
जुनेली
साझ
(३३)
नेत्र
त्रिदेव
क्षेत्र
(३४)
मान
करूवा
शान
(३५)
जान
त्रिशूल
ज्ञान
(३६)
हुन्छु
त्रिशूल
छुन्छु
(३७)
मान
रेग्मीको
ज्ञान
(३८)
नारी
लगाउ
सारी
(३९)
तारा
आकाश
सारा
(४०)
साथ
जुनेली
रात
(४१)
बानी
रहेन
हानी
(४२)
माने
मिलेर
जाने
(४३)
दाइ
साहित्य
भाई
(४४)
ज्ञानी
सर्वत्र
जानी
(४५)
ताल
साहित्य
जाल
(४६)
कस्तो
खोजेको
जस्तो
(४७)
शीत
सबैको
हित
(४८)
लिनु
समय
दिनु
(४९)
गंगा
मनको
चङ्गा
(५०)
राम्रो
त्रिशूल
हाम्रो
(५१)
हाम्रो
समाज
राम्रो
शिव कुमार रेग्मी, पोखराथोक,पाल्पा